छग व्यापमं

दो माह बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा.. जानिए क्या है छग में टीईटी एग्जाम का सक्सेस रेट ?

For you..With you..Always

शासकीय स्कूलों में शिक्षक बननने का ख्वाब सजाए अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा अर्थात टीईटी एक हौव्वा साबित हो रही है। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि परीक्षा में पास होने वालों का प्रतिशत बमुश्किल 10 से 15 फीसदी है। इन आंकड़ों को आसान शब्दों में समझा जाए तो परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 100 में महज 10 से 15 अभ्यर्थी ही पास हो पा रहे हैं बाकी बचे 85 अभ्यर्थियों को असफलता हाथ लग रही है।

शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। 150 अंक की परीक्षा में मिनिमम 90 अंक (जनरल कैटेगरी) प्राप्त करने पर अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किया जाता है। प्राइमरी और मिडिल दोनों के लिए टीईटी में यही मापदंड है। परीक्षा उत्तीर्ण करने पर एग्जाम एजेंसी (व्यापमं) द्वारा मार्कशीट जारी किया जाता है । इसकी वैधता आजीवन होती है।

राज्य में बीते एक दशक में तीन बार बड़े पैमाने पर शिक्षकों की सीधी भर्ती निकली है। यही वजह है कि बीएड और टीईटी को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है। आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 8 साल में टीईटी के अभ्यर्थी राज्य में पांच गुना बढ़े हैं। 2014 में अभ्यर्थियों की जो संख्या करीब एक लाख थी वही 2022 में बढ़कर साढ़े पांच लाख हो चुकी है। साफ है कि प्रदेश के युवा शासकीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती को रोजगार का बेहतर विकल्प मान रहे हैं।

प्रतियोगी परीक्षा एक्सपर्ट्स श्री रवि गोयल के अनुसार टीईटी परीक्षा में मैथ्स और लैंग्वेज (हिन्दी और इंग्लिश) का अधिक वेटेज है। 150 में कुल 90 अंक के प्रश्न अकेले इन दो सेक्शन से पूछे जाते हैं। उम्मीदवार सिलेबस और एग्जाम में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पैटर्न को ध्यान में रखकर तैयारी करे। इससे उन्हें एग्जाम क्रैक करने में जरूर सफलता मिलेगी। टीईटी कठिन अवश्य है लेकिन इतनी भी नहीं कि इसे पास ना किया जा सके।

विगत वर्षों में टीईटी परीक्षा के आंकड़े निम्नानुसार है-


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button